दीमक नियंत्रण के जैविक उपाय
दीमक नियंत्रण के जैविक उपाय
1. दीमक से बचाव के लिए खेत में कभी भी कच्ची गोबर नहीं डालनी चाहिए। कच्ची गोबर दीमक का प्रिय भोजन होता है |
2. फसलों में दीमक की रोकथाम हेतु 2.5 से 5 किलो मेटाराइजियम 100 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट या केंचुआ खाद में मिलाकर 72 घंटे संवर्धन करें जिससे माईसीलियम वृद्धि कर सके। इसे बुवाई से पूर्व या प्रथम निराई-गुड़ाई के बाद या खड़ी फसल में एक हैक्टेयर में बुरकाव कर सिंचाई करें ।
3. बीजों को बिवेरिया बेसियाना फफूंद नाशक से उपचारित किया जाना चाहिए। एक किलो बीजों को 20 ग्राम बिवेरिया बेसियाना फफुद नाशक से उपचारित करके बोनी चाहिए | इसके अलावा 2.5 किलो ब्यूवेरिया को 100 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट या केंचुआ खाद में मिलाकर 72 घंटे नमी की अवस्था में ढ़ंक कर रखें ताकि मासीलियम वृद्धि कर सके। तैयार संवर्धन का खड़ी फसल में भुरकाव कर सिंचाई करें।
1 किग्रा/एकड़ बिवेरिया बेसियाना फफूंद नासक को आवश्यकतानुसार पानी में घोलकर सिचाई के समय देना चाहिए |
4. नीम की सुखी निंबोली 2 किग्रा को कूटकर बुआई से पहले 1 एकड़ खेत में डालना चिहिए |
नीम केक 30 किग्रा /एकड़ में बुआइ से पहले खेत में डालना चाहिए |
खड़ी फसल में दीमक नियंत्रण के लिए 4 लिटर नीम का तेल प्रति हैक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ देवें या 50-60 किलो बजरी में मिलाकर बुरकाव कर सिंचाई करें ।
5. दीमक प्रभावित क्षेत्रों में 500 किलो अरण्डी की खली प्रति हैक्टेयर की दर अन्तिम जुताई के समय भूमि में मिलाएं । अरण्डी की खली खेत में सीधे डालने पर देर से विघटित होती है अतः खेत में डालने से आधा घंटा पूर्व पानी से गीला कर लें तथा पाउडर बनाकर खेत में डालें।
6 . वेस्टडीकम्पोजर का प्रयोग करे
7. जब दीमक अत्याधक हो जाए तब दीमक नियंत्रण के लिए रासायनिक दवा :
1. लिंडेन पाउडर 1 किग्रा /10 लीटर पानी में घोलकर 1 एकड़ खेत में बुआइ से पहले प्रयोग करना चाहिए |
2.एक किलो बीजों को चार मिलीलीटर क्लोरोपाइरीफास दवा से उपचारित किए जा सकते हैं |
3.दीमक को नियंत्रित करने के लिए दो लीटर क्लोरोपाइरीफास दवा को 4 किलो रेत में मिलाकर प्रति हैक्टैयर बुवाई के समय खेत में डालना होता है
4. इमिडाक्लोरोपिड 1 मिलीलीटर प्रतिलीटर पानी मे घोलकर फसल पर छिड़काव करे
5. फिप्रोनिल 2मिलीलीटर प्रतिलीटर पानी मे घोलकर फसल पर छिड़काव कर सकते है|
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