गेहूं की फसल में सरसों की खली की उपयोगिता

गेहूं की फसल में सरसों की खली की उपयोगिता 

उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए गेहूं की खेती करने वाले किसान फसल में रासायनिक खाद के तौर पर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, जिंक, आदि का प्रयोग करते हैं। वहीं जैविक खेती को प्राथमिकता देने वाले किसान अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद एवं वर्मीकम्पोस्ट का प्रयोग करते हैं। इन सब के अलावा सरसों की खली भी एक पौधों के लिए एक बेहतरीन उर्वरक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि गेहूं की फसल में सरसों की खली का प्रयोग करने की विधि एवं इसके फायदों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

गेहूं की फसल में सरसों की खली का उपयोग करने की विधि एवं मात्रा

# प्रति एकड़ खेत के लिए 5 से 6 किलोग्राम सरसों की खली को 4 दिनों तक पानी में भिगो कर रखें।
# इसके बाद भिंगोई गई सरसों की खली को 150 लीटर पानी में मिलाएं।
# गेहूं की फसल में सिंचाई के समय इसका प्रयोग कर सकते हैं।
# इसके अलावा 25 से 30 दिनों की गेहूं की फसल में 150 लीटर पानी में 500 ग्राम सरसों की खली के साथ 200 ग्राम यूरिया मिला कर फसल में छिड़काव भी कर सकते हैं।

सरसों की खली में मौजूद पोषक तत्व

*सरसों की खली में 4.5 प्रतिशत नाइट्रोजन एवं 1.5 प्रतिशत फॉस्फोरस की मात्रा पाई जाती है।
*इसके अलावा इसमें सल्फर, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, जिंक, मैगनीज, कॉपर,आदि सूक्ष्म पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।

सरसों की खली इस्तेमाल करने के फायदे

*पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
*पौधों का बेहतर विकास होता है।
*पौधों में कल्ले अधिक निकलते हैं।
*गेहूं की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
*उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है।
*फफूंद लगने का खतरा कम हो जाता है

Comments

Popular posts from this blog

बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए उपाय

बाजरा की नवीनतम प्रजातियां

जैविक खेती में ट्राइकोडर्मा का महत्व