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किस माह में कौन सी सब्जियां उगानी चाहिए।

 *किस माह में कौन सी सब्जियां उगानी चाहिए। जनबरी माह के लिए*  राजमा, शिमला मिर्च, मूली, पालक, बैंगन, चप्‍पन कद्दू  *फरवरी माह में उगाई जाने वाली फसलें*   राजमा, शिमला मिर्च, खीरा-ककड़ी, लोबिया, करेला, लौकी, तुरई, पेठा, खरबूजा, तरबूज, पालक, फूलगोभी, बैंगन, भिण्‍डी, अरबी, एस्‍पेरेगस, ग्‍वार  *मार्च माह में उगाई जाने वाली फसलें*  ग्‍वार, खीरा-ककड़ी, लोबिया, करेला, लौकी, तुरई, पेठा, खरबूजा, तरबूज, पालक, भिण्‍डी, अरबी  *अप्रैल माह में उगाई जाने वाली फसलें*  चौलाई, मूली  *मई माह में उगाई जाने वाली फसलें*  फूलगोभी, बैंगन, प्‍याज, मूली, मिर्च  *जून माह में उगाई जाने वाली फसलें*  फूलगोभी, खीरा-ककड़ी, लोबिया, करेला, लौकी, तुरई, पेठा, बीन, भिण्‍डी, टमाटर, प्‍याज, चौलाई, शरीफा  *जुलाई माह में उगाई जाने वाली फसलें*  खीरा-ककड़ी-लोबिया, करेला, लौकी, तुरई, पेठा, भिण्‍डी, टमाटर, चौलाई, मूली  *अगस्त*  गाजर, शलगम, फूलगोभी, बीन, टमाटर, काली सरसों के बीज, पालक, धनिया, ब्रसल्‍स स्‍प्राउट, चौलाई  *सितम्‍बर माह में उगाई ज...

श्रेष्ठ देशी काम धेनु नियन्त्रक तैयार करने की विधि।

श्रेष्ठ देशी काम धेनु नियन्त्रक तैयार करने की विधि। किसान देशी गाय को पाले । गोबर गैस टैंक बनाये। टेंक में गाय का गोबर व गो मूत्र घोल कर डाले। *पानी टेंक में नहीं डालना हैं।* अब टेंक से जो स्लरी बनेगी उसे एकत्रित कर  120 लीटर स्लरी को 200 लीटर खाली ड्रम में डाले।  इसमे निम्न प्रकार से अतिरिक्त सामग्री मिला  200 gm सोन्ध 50 gm। हींग 5 kg लहसुन 3 kg हल्दी 3 kg मिर्च (हरी) 1 kg बेसन 10 kg नीम पत्ती 5 kg धतूरा पत्ती 5 kg  करन्ज पत्ती 5 kg गाजर घास 10 kg दीमक टिल्ले की मिट्टी 10 kg  अग्निहोत्र भस्म 10 kg विभिन्न पौधों की पत्तियां (पपीता आम बेर बेल गोधल महुआ सोंझरी अलवीरा गिलोय हरी बहरा) उक्त सभी सामग्रियों को कट पीस करके ड्रम में डाले। इसे 60 दिनों तक रखे। प्रत्येक सप्ताह लकडी के डंडे से घोल को क्लॉक वाइज घुमाए। 60 दिनों बाद इसे छान लें। यह काम धेनु नियन्त्रक तैयार हैं। *काम धेनु नियन्त्रक का उपयोगिता * -3 लीटर काम धेनु कीट नियन्त्रक सब्जी के एक एकड़ के खेत के           लिये पर्याप्त है। स्प्रे कर सकते हैं।      (10 दिनों म...

फसलों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण, कारण और निवारण

* फसलों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण कारण और निवारण*   _जो किसान सिर्फ नाइट्रोजन (यूरिया), फॉस्फोरस और पोटाश ही देते हैं उन्हें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए किसानों को संतुलित पोषक तत्व देने चाहिए। कई बार पत्तियों की रंगत और पौधे खुद बताते हैं कि उनमें किस पोषक तत्व की कमी है।_   *मानव शरीर की तरह पौधों या फसल को भी पोषत तत्वों की जरूरत होती है। जो उनके उगने, बढ़वार और फिर फल देने में मददगार साबित होते हैं। वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार पौधों के लिए 17 पोषक तत्व चाहिए होते हैं। इन पोषक तत्वों में सबसे अपने-अपने कार्य हैं।*  ज्यादातर किसान खेतों में डीएपी, एनपीके, यूरिया, पोटाश आदि डालते हैं। कुछ जागरूक किसान जिंक और दूसरे माइक्रोन्यूटेट (सूक्ष्म पोषकत्तवों) का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से कई पोषक तत्व गोबर की खाद, हरी खाद या फिर केंचुआ खाद में होते हैं। जबकि कुछ को अलग से डालना पड़ता है। जो किसान सिर्फ नाइट्रोजन (यूरिया), फॉस्फोरस और पोटाश ही देते हैं उन्हें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए किसानों को संतुलित पोषक तत्व देने चाहिए। कई बार पत्तियों की रंगत और ...

घनजीवाम्रत बनाने कि विधि (spnf)

घनजीवाम्रत बनाने कि विधि (spnf)     100किलो देशी गाय का गोबर      1किलो गुड       1किलो बेसन अच्छी तरह फावड़ा से मिलायें।  48से96घन्टा पतला बिछाकर कर सुखाये। दिन मे 2बार पलटें। अच्छी तरह सुखाने के बाद मोगरी से पिट ले। तत्पश्चात रेत छानने वाली छन्नी से छानने ले। जूट के बोरी मे भरकर रख ले। ध्यान रहे उक्त मात्रा केवल 1एकड के लिये है।  सावधानी बोरी के निचे लकड़ी पटिया अवश्य रखे। इसे एक वष॔ तक रख सकते है।         अथवा     200किलो सूखा गोबर छलनी से छना हुआ।  20 लीटर जीवामृत छिडके। 48 से96घन्टा सुखाये। तत्पश्चात जूट कि बोरी मे भर कर रखे। उक्त तैयार मात्रा एक एकड के लिये है। सावधानी जूट कि बोरी लकड़ी के पटिया पर रखे। एक वष॔ तक रख सकते है।  धन्यवाद्।

Rbljaivikkhad farm kiraoli Agra (vermicomposting business)

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खाद का बिजनेस (वर्मीकम्पोस्ट बनाने का व्यापर)  Vermicompost production business  केचुआ-300rs 1kg 8057176794 All over agra and native cities supply  8057176794 केचुआ खाद (vermicompost) एक प्रकार का जैविक खाद या उर्वारक है. जोकि केचुए और अन्य प्रकार के कीड़ो के द्वारा जैविक अवशिष्ट पदार्थो को विघटित करके बनाया जाता है. ये एक प्रकार की गंधहीन, स्वच्छ और कार्बनिक पदार्थ(Organic material) से बना खाद है. इसमें कई प्रकार की सूक्ष्म पोषक तत्व( Micro Nutrient Element) जैसे – नाइट्रोजन, कैल्शियम, पोटाश जैसे आवश्यक तत्व इसमें पाये जाते है. केचुआ खाद (Vermicompost) प्राकृतिक विधि से बने जाती है, इसीलिए इससे न ही खेतो को नुक्सान होता होता है और ना ही रासायनिक खाद का उपयोग जिससे खेतो की उर्वरक क्षमता बनी रहती है और खेत बंजर नही होते है. रासायनिक खाद का उपयोग ना करने से पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है. केचुआ के द्वारा निगला गया घास, कचरा, गोबर, मिट्टी आदि को पचा कर ये मॉल के रूप में बाहर निकालता है. ये कार्बनिक पदार्थ पिसी हुई अवस्था में होती है उसे ही केचुआ खाद कहते है. केचु...

जैविक खेती में उपयुक्त होने वाले जीवाणु

माइकोराइजा   माइकोराइजा एक फंगस है। जिसका कार्य पौधों की जड़ो के बीच परस्पर सम्बन्ध बनाना होता हैं। माइकोराइजा पौधों की जड़ो में जाकर उसकी जड़ो का विकास करता हैं । माइकोराइजा से जड़ो की विकास से हमें क्या फायदा होता हैं। हम जब बोवनी करते है तो बोवनी में हम बीज के साथ साथ खाद और भी महत्वपूर्ण तत्व डालते हैं। मगर वो महत्वपूर्ण तत्व 40 से 50 प्रतिशत तक ही आपके पौधों को मिलता है क्यू की जड़ो का विकास एक सिमित मात्रा में ही बढ़ता है। और जो भी महत्वपूर्ण तत्व जड़ो के संपर्क में आती है वह तत्व ही पौधे को मिल पाते है माइकोराइजा पौधे की जड़ों का विकास करता है और उन्हें फैलाता है जिससे पौधे को अधिक से अधिक मात्रा में महत्वपूर्ण तत्व प्रदान होते हैं।  *माइकोराइजा के फायदे* : 01. जब हमारे पौधों को अधिक मात्रा में महत्वपूर्ण तत्व प्रदान होंगे तोह वह पौधा अधिक मजबूत और स्वस्थ होगा और पौधा सवस्थ होगा तोह उपज भी अधिक होगी।  02. हम जो खाद या महत्वपूर्ण तत्व जैसे सल्फर या अन्य तोह उसका पूरा लाभ हमारी फसल को मिलता है जिससे हमारा खाद और मेहनत दोनों बेकार नहीं जाती और हमे अच्छी उपज भी मिल...

1 एकड़ जैविक खेती प्लानिंग

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*1 एकड़ जैविक खेती प्लानिंग* ➖➖➖➖➖➖➖➖➖ *भूमि उपचार एवं बीज उपचार* अच्छे उत्पादन एवं उच्च गुणवत्ता युक्त फसल के लिए भूमि एवं बीज दोनों का उपचार आवश्यक है l भूमि उपचार करने से हमारे शत्रु कीट मर जाएंगे तथा मित्र कीटो में वृद्धि होगी और बीज उपचार करने से रोग ग्रस्त बीज अलग हो जाएंगे और अच्छे बिज़ हम अपनी खेती में डालेंगे तो परिणाम भी अच्छा मिलेगा l *Note* यदि आपको जैविक बीज न मिले तो, जैविक विधि से उपचार करके बीज लगाएं l 🌱 *पोषण प्रबंधन* 1️⃣ 10 क्विंटल केचुआ खाद+माईकोराईजा 2️⃣ 200kg माइक्रोन्यूत्रिंस खाद +टाईकोडरमा  (जिसमे सरसो कुसुम नीम करंज अरंडी महुआ समुद्री घास इत्यादि या घर के बचे अनाज जो वेस्ट हो गए हो After Decompoz) 3️⃣ 8 से 10 प्रकार की मित्र जीवाणु 4️⃣ वेस्ट डी कंपोजर, गौ कृपा अमृतम नियमित 7 दिन में 5️⃣ देशी गाय का दही एवं गाजर घांस स्वरस+जीवा अमृत घन जीवा अमृत उपलो का टानिक  🌱 *खरपतवार प्रबंधन* 1️⃣ पलेवा करके फसल लगाना 2️⃣ फसल छोटी हो तब हस्तचलित डोरे या कुलपे चलाएं 3️⃣ हाथ से निंदाई करने के बाद खरपतवार खड़ी फसल में उखड़कर खेत में ही छोड़ दें जो हरी खाद ए...